यूपी के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से गुरुवार देर शाम को मौत हो गई.
मुख्तार को उल्टी की शिकायत और बेहोशी की हालत में रात 8:25 बजे जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
मुख्तार अंसारी पर 50 से अधिक मामले दर्ज हैं. इसमें हत्या, अपहरण, दंगे भड़काने, आपराधिक धमकियां देने जैसे संगीन अपराध शामिल थे.
मुख्तार अंसारी के खिलाफ 1988 में पहली बार क्रिमिनल केस दर्ज हुआ था.
अगस्त 1991 को वाराणसी में पूर्व विधायक अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई. 1991 में चंदौली में दो पुलिस वालों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. दोनों हत्याओं में मुख्तार का नाम आया.
साल 1998 में गाजीपुर में मंडी परिषद के ठेकेदार सच्चिदानंद राय की हत्या हुई. इस हत्याकांड में भी मुख्तार अंसारी का नाम सामने आया.
साल 2005 में तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई. उस समय मुख्तार अंसारी गाजीपुर जेल में बंद था. इस हत्याकांड को अंसारी का करीबी रहा संजीव माहेश्वरी जीवा ने अंजाम दिया था.
साल 2009 में मऊ में ठेकेदार मन्ना सिंह की एके 47 से हत्या कर दी गई. साल 2010 में मुख्तार अंसारी पर राम सिंह मौर्य हत्याकांड का भी आरोप लगा. वो मन्ना सिंह हत्याकांड का गवाह था.
साल 1997 में पूर्वांचल के सबसे बड़े कोयला कारोबारी रुंगटा को अगवा कर लिया गया. इसके बाद मुख्तार का नाम देश में छा गया.