पुरुष और महिला के लिए क्यों अलग है विंबलडन ट्रॉफी

पहली बार विंबलडन चैंपियनशिप साल 1877 में आयोजित किया गया था. साल 1887 में पहली बार महिला खिलाड़ियों ने इसमें हिस्सा लिया था.

Courtesy: Wimbledon

विंबलडन चैंपियनशिप में महिला विजेता को प्लेट और पुरुष विजेता को ट्रॉफी दी जाती है. इसके पीछे की वजह जानिए.

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विंबलडन की एकल ट्रॉफी जीतने वाली महिला टेनिस खिलाड़ी को स्टर्लिंग सिल्वर साल्वर दिया जाता है.

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महिला विजेता को दिए जाने वाले इस प्लेट को रोजवाटर डिश के नाम से जाना जाता है. इसे पौराणिक डिजाइन से सजाया गया है.

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प्लेट में महिला की आकृति है. जिसके एक हाथ में लैंप और दूसरे हाथ में एक जग है, जो चार तत्वों पृथ्वी, जल, वायु और अग्नि से घिरी हुई है.

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रोजवाटर डिश को साल 1864 में बर्मिंघम सिल्वरस्मिथ एल्किंगटन एंड कंपनी ने बनाया था. यह जर्मन मेटलवर्कर कैस्पर एंडरलीन की एक प्लेट की प्रतिकृति है.

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19वीं शताब्दी में महिलाओं का मुख्य काम घरेलू कामकाज था. घर में उनके पास ज्यादा शक्ति होती थी. डिश को इसका प्रतीक माना जाता था. इसलिए शायद ये प्लेट इससे प्रेरित हो.

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मेन्स सिंगल चैंपियन को एक सोने का कप मिलता है. जिसपर ऑल इंग्लैंड लॉन टेनिस क्लब सिंगल हैंडेड चैंपियनशिप ऑफ द वर्ल्ड लिखा होता है.

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मेन्स सिंगल विजेता की ट्रॉफी के ऊपर एक अनानास का डिजाइन होता है. इंग्लैंड में अनानास प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता था, इसलिए इसे ट्रॉफी पर होता है.

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