चांद पर इंसानों को बसाया जा सकता है? इस सवाल का जवाब अब तक नहीं मिला है. लेकिन इसको लेकर कुछ रिसर्च सामने आए हैं. उसके बारे में बताते हैं.
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अमेरिका के अपोलो मून मिशन के बाद इस बात पर चर्चा तेज हो गई थी कि चांद पर इंसानों को बसाया जाएगा. लेकिन आज तक ऐसा नहीं हो पाया है.
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साल 2025 में NASA चांद पर आर्टेमिस 3 मिशन भेजेगा. इसमें पता लगाया जाएगा कि चांद पर जीवन की संभावना है या नहीं.
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चांद को लेकर अब तक जो रिसर्च सामने आए हैं, उसके मुताबिक चांद पर सूक्ष्मजीव सर्वाइव कर सकते हैं.
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माना जा रहा है कि सूक्ष्मजीव वहां के हार्श कंडीशन में रह सकते हैं, लेकिन इंसानों का रहना संभव नहीं है.
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इंसानों के चांद पर नहीं बसने की सबसे बड़ी वजह सूरज से आने वाली गर्मी और रेडिएशन से बचाव का तरीका नहीं होना है. इसका मतलब है कि चांद पर धरती जैसा वायुमंडल नहीं है.
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चांद पर दिन में तापमान 123 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होता है. जबकि रात में माइनस 200 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है.
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इन तमाम दिक्कतों के बावजूद वैज्ञानिक इंसानों को चांद पर बसाने की प्लानिंग कर रहे हैं.
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चांद पर वायुमंडल और हवा नहीं होने के बावजूद वैज्ञानिक एयर रिसाइकल सिस्टम पर काम कर रहे हैं. ऑक्सीजन देने वाले पौधों को चांद पर लगाने की तैयारी हो रही है.
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चांद की चट्टानों पर पानी के कुछ कण मिले थे, लेकिन ये बर्फ के रूप में हैं. चांद पर ज्यादातर जगहों पर सूरज की रोशनी तक नहीं पहुंचती है.
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