छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है. इस पर्व पर सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा-अर्चना की जाती है. महिलाएं अपनी संतान की सलामती के लिए व्रत रखती हैं.
छठ महापर्व का व्रत काफी कठिन होता है. इस पर्व में 36 घंटे का व्रत रखा जाता है. इस पर्व में कठोर नियमों का पालन करना होता है.
इस महापर्व को लेकर नियमों का पालन करना जरूरी होता है. भूलकर भी व्रती को कोई ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए, जिससे छठ मैया नाराज हो जाएं.
इस त्योहार में साफ-सफाई और शुद्धता का खास ध्यान रखा जाता है. इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए.
छठ पर्व के दौरान जूठा अनाज इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही पुराना या बिना शुद्ध किया चूल्हा भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
पूजा के लिए अनाज को धोकर, पीसकर और कूटकर प्रसाद बनाया जाता है. इसका विशेष ध्यान रखा जाता है कि चिड़िया या कोई जानवर अनाज को जूठा ना करें.
छठ पूजा के दौरान तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
इन चीजों का सेवन करने से छठ मैया नाराज हो जाती हैं और इसका नकारात्मक परिणाम परिवार को भुगतना पड़ता है.
छठ पर्व में व्रती को सूर्य देवता को अर्घ्य दिए बिना किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दौरान व्रती को जमीन पर सोना चाहिए.