वर्ल्ड कप के नॉकआउट मुकाबलों में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए आत्मविश्वास और दबाव में मजबूती से खड़े रहने की क्षमता का होना जरूरी है. ऐसे ही कुछ खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं.
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ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ऐसे ही खिलाड़ी हैं, जिन्होंने नॉकआउट मुकाबलों में खुद को साबित किया है. पोंटिंग ने नॉकआउट मुकाबलों के 10 मैचों में 442 रन बनाए हैं.
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साल 2003 वर्ल्ड कप के फाइनल में उन्होंने भारत के खिलाफ 121 गेंदों में 140 रनों की विस्फोटक पारी खेली थी.
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न्यूजीलैंड के मार्टिन गप्टिल ने वर्ल्ड कप के 7 नॉकआउट मुकाबलों में 346 रन बनाए हैं. साल 2015 वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल में उन्होंने 237 रनों की पारी खेली थी.
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भारत के दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर भी नॉकआउट के बादशाह रहे हैं. उन्होंने 7 नॉकआउट मैचों में 339 रन बनाए हैं.
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सचिन तेंदुलकर ने साल 2011 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 115 गेंदों में 85 रनों की पारी खेली थी.
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ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा भी नॉकआउट मुकाबलों के स्टार रहे हैं. उन्होंने 9 नॉकआउट मुकाबलों में 15 विकेट हासिल किया है.
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ग्लेन मैकग्रा क्रिकेट वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. उन्होंने 71 विकेट लिया है.
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ऑस्ट्रेलिया के लेग स्पिनर शेन वॉर्न भी नॉकआउट मुकाबलों के किंग थे. उन्होंने 5 मैचों में 14 विकेट हासिल किया था.
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