छतीसगढ़ विधानसभा चुनाव की मतगणना के बाद एक नया चेहरा उभरकर सामने आया है. यह चेहरा पूर्व आईएएस अधिकारी ओमप्रकाश चौधरी का है.
ओमप्रकाश चौधरी छत्तीसगढ़ के रायगढ़ विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं. वे भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे.
ओमप्रकाश चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश सकरजीत नाइक को 64 हजार से अधिक वोटों से हराकर बड़ी जीत हासिल की है.
पूर्व सिविल सर्वेंट और नए-नवेले विधायक ओपी चौधरी युवाओं में काफी पॉपुलर हैं. वे 2005 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं.
ओपी चौधरी महज 23 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बन गए थे. बतौर सिविल सर्वेंट छत्तीसगढ़ की कई योजनाओं पर बेहतरीन काम करने के लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी किया गया है.
ओपी चौधरी ने 13 साल सिविल सर्विस में रहने के बाद 2018 में इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा देने के बाद उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी.
उन्होंने साल 2018 में बीजेपी के टिकट पर छत्तीसगढ़ की खसरिया विधानसभी सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन वो हार गए.
लेकिन हार के बाद भी वो लोगों के बीच सक्रिय रहे और इसका नतीजा अभी के छत्तीसगढ़ चुनाव में देखने को मिला. यहां वो बड़े अंतर से जीते.
ओपी चौधरी रायगढ़ जिले के बायंग गांव के रहने वाले हैं. जब वे 8 वर्ष के थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया था. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव से की है. बाद में उन्होंने भिलाई से ग्रेजुएशन किया.
ग्रेजुएशन के बाद वो यूपीएससी की तैयारी में जुट गए और बहुत कम समय में आईएएस बनने में सफल रहे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईएएस रहते हुए ओपी चौधरी यूथ के पसंदीदा ब्यूरोक्रेट थे.